Sirf Allah Se madad kyun
Sirf Allah Se madad kyun
शिर्क और तौहीद (पार्ट - 13)
आज का हमारा मौज़ू है —
सिर्फ़ अल्लाह ही से मदद क्यू??
अबू ज़र (रज़ि) से रिवायत है की उन्होन रसूलुल्लाह ﷺ से सुना कि अल्लाह सुबहानहु ने फ़रमाया :
"ऐ मेरे बंदो मैंने ज़ुल्म को अपने ऊपर हराम किया है और तुम पर भी हराम किया... तो एक दूसरे पर ज़ुल्म न किया करो"
"ऐ मेरे बंदो तुम सब गुमराह हो सिवा उसके जिसे मैंने हिदायत दी.. तुम मुझसे हिदायत मांगो मैं तुम्हें हिदायत दूंगा"
"ऐ मेरे बंदो तुम सब भूखे हो सिवा उसके जिसे मैं ने खाना खिलाया... तुम मुझसे खाना मांगो।
मैं तुम्हें खाना दूंगा.."
"ऐ मेरे बंदो तुम सब नंगे हो सिवा उसके जिसे मैंने लिबास पहनाया..तुम मुझसे लिबास मांगो।
मैं तुम्हें लिबास दूंगा"
"ऐ मेरे बंदो तुम रात दिन गुनाह करते हो और मैं सब गुनाहों को माफ़ करता हूं... तो मुझ से मग़फिरत माँगो मैं तुम्हारे गुनाह माफ़ करूँगा"
“ऐ मेरे बंदो तुम मेरा कुछ नुक़सान नहीं कर सकते और न मुझे फ़ायदा पहुंचा सकते हो।
ऐ मेरे बंदो अगर तुम्हारे अगले और पिछले और आदमी और जिन्नात सब ऐसे हो जाएं जैसे तुम मैं का इन्तेहाई मुत्तक़ी (बड़ा परहेजग़ार) तो मेरी सल्तनत मैं कोई इज़ाफ़ा (Addition) नही हो सकता ।
"मेरे बंदों अगर तुम्हारे अगले और पिछले और आदमी और जिन्नात सब मिलकर ऐसे हो जाएं जैसे ज़मीन के फ़ाजिर आदमी के दिल के मुताबिक़ (बड़ा बदकार शख़्स) तो मेरी सल्तनत मैं से कुछ कमी ना होगी "
"ऐ मेरे बंदो अगर तुम्हारे अगले, पिछले और आदमी और जिन्नात सब एक मैदान में खड़े हों फिर मुझसे मांगना शुरू करे और मैं हर एक को जितना मांगे दे दू तब भी मेरे पास जो कुछ है वो कम ना होगा मगर इतना जैसे दरिया मैं सुईं डाल कर निकल लो।”
"ऐ मेरे बंदो ये तुम्हारे ही आमाल हैं जिनको तुम्हारे लिए शूमार करता रहता हूं फिर तुमको इन आमाल का पूरा बदला दूंगा ... तो जो शख़्स बेहतर बदला पाए उसे चाहिये की अल्लाह सुबहानहु का शुक्र करे की उसकी कमाई बेकार नहीं गयी और जो बुरा बदला पाए तो अपने ही आपको बुरा समझे।”
हज़रत सईद रज़ि अल्लाहु अन्हु ने कहा की अबू इदरीस जब ये हदीस ब्यान करते तो अपने घुटनो के बल गिर पढ़ते।
सहीह मुस्लिम, 6572
इस पार्ट को यही रोकते हैं,
जुड़े रहें....
इस नुक़्ते पर मज़ीद गुफ्तगूं इन्शाअल्लाह अगले पार्ट में पेश की जायेगी।
अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह हमे बिदअत और शिर्क से बचाए और वही दींन पर अमल करने की तौफ़ीक अता करे जो दींन रसूल अल्लाह छोड़ कर गए थे, आमीन।
आज का हमारा मौज़ू है —
सिर्फ़ अल्लाह ही से मदद क्यू??
अबू ज़र (रज़ि) से रिवायत है की उन्होन रसूलुल्लाह ﷺ से सुना कि अल्लाह सुबहानहु ने फ़रमाया :
"ऐ मेरे बंदो मैंने ज़ुल्म को अपने ऊपर हराम किया है और तुम पर भी हराम किया... तो एक दूसरे पर ज़ुल्म न किया करो"
"ऐ मेरे बंदो तुम सब गुमराह हो सिवा उसके जिसे मैंने हिदायत दी.. तुम मुझसे हिदायत मांगो मैं तुम्हें हिदायत दूंगा"
"ऐ मेरे बंदो तुम सब भूखे हो सिवा उसके जिसे मैं ने खाना खिलाया... तुम मुझसे खाना मांगो।
मैं तुम्हें खाना दूंगा.."
"ऐ मेरे बंदो तुम सब नंगे हो सिवा उसके जिसे मैंने लिबास पहनाया..तुम मुझसे लिबास मांगो।
मैं तुम्हें लिबास दूंगा"
"ऐ मेरे बंदो तुम रात दिन गुनाह करते हो और मैं सब गुनाहों को माफ़ करता हूं... तो मुझ से मग़फिरत माँगो मैं तुम्हारे गुनाह माफ़ करूँगा"
“ऐ मेरे बंदो तुम मेरा कुछ नुक़सान नहीं कर सकते और न मुझे फ़ायदा पहुंचा सकते हो।
ऐ मेरे बंदो अगर तुम्हारे अगले और पिछले और आदमी और जिन्नात सब ऐसे हो जाएं जैसे तुम मैं का इन्तेहाई मुत्तक़ी (बड़ा परहेजग़ार) तो मेरी सल्तनत मैं कोई इज़ाफ़ा (Addition) नही हो सकता ।
"मेरे बंदों अगर तुम्हारे अगले और पिछले और आदमी और जिन्नात सब मिलकर ऐसे हो जाएं जैसे ज़मीन के फ़ाजिर आदमी के दिल के मुताबिक़ (बड़ा बदकार शख़्स) तो मेरी सल्तनत मैं से कुछ कमी ना होगी "
"ऐ मेरे बंदो अगर तुम्हारे अगले, पिछले और आदमी और जिन्नात सब एक मैदान में खड़े हों फिर मुझसे मांगना शुरू करे और मैं हर एक को जितना मांगे दे दू तब भी मेरे पास जो कुछ है वो कम ना होगा मगर इतना जैसे दरिया मैं सुईं डाल कर निकल लो।”
"ऐ मेरे बंदो ये तुम्हारे ही आमाल हैं जिनको तुम्हारे लिए शूमार करता रहता हूं फिर तुमको इन आमाल का पूरा बदला दूंगा ... तो जो शख़्स बेहतर बदला पाए उसे चाहिये की अल्लाह सुबहानहु का शुक्र करे की उसकी कमाई बेकार नहीं गयी और जो बुरा बदला पाए तो अपने ही आपको बुरा समझे।”
हज़रत सईद रज़ि अल्लाहु अन्हु ने कहा की अबू इदरीस जब ये हदीस ब्यान करते तो अपने घुटनो के बल गिर पढ़ते।
सहीह मुस्लिम, 6572
इस पार्ट को यही रोकते हैं,
जुड़े रहें....
इस नुक़्ते पर मज़ीद गुफ्तगूं इन्शाअल्लाह अगले पार्ट में पेश की जायेगी।
अल्लाह से दुआ है कि अल्लाह हमे बिदअत और शिर्क से बचाए और वही दींन पर अमल करने की तौफ़ीक अता करे जो दींन रसूल अल्लाह छोड़ कर गए थे, आमीन।